प्रगति यादव को दूसरी शादी करने की इतनी जल्दी थी कि उसे पहली शादी की औपचारिकता निभानी पड़ी। लेकिन यह शादी महज एक दिखावा थी, क्योंकि उसकी असली योजना कुछ और ही थी। उसने अपनी मेंहदी का रंग फीका पड़ने का भी इंतजार नहीं किया और महज 15 दिनों के भीतर ही अपने पति दिलीप यादव की हत्या करवा दी। यह हत्या किसी मामूली विवाद का परिणाम नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी, जिसे प्रगति ने अपने प्रेमी अनुराग के साथ मिलकर अंजाम दिया।
हत्या का पहला सुराग: दिलीप की आखिरी तस्वीरें
हत्या की इस खौफनाक कहानी का पहला सुराग तब मिला, जब पुलिस को दिलीप यादव की दो आखिरी जीवित तस्वीरें हाथ लगीं। पहली तस्वीर सुजानपुरवा कस्बे के एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई, जिसमें दिलीप हाइड्रा चला रहा था। तस्वीर स्पष्ट नहीं थी, लेकिन यह तय था कि आखिरी बार हाइड्रा वही चला रहा था।
दूसरी तस्वीर पलिया गांव के एक दुकान के सीसीटीवी कैमरे से मिली, जिसमें दिलीप बाइक पर दो लोगों के बीच बैठा नजर आया। उसके आगे और पीछे बैठे दोनों लोग शूटर थे, जिन्होंने उसकी हत्या कर दी।
हत्या की साजिश: प्यार, लालच और धोखा
दिलीप के परिवार का हाइड्रा और क्रेन का व्यवसाय था। 14वें दिन जब वह किसी काम से सुजानपुरवा गया, तो रास्ते में कुछ लोगों ने उसे रोककर कहा कि उनकी कार नहर के पास फंस गई है और उसे निकालने के लिए हाइड्रा की जरूरत है। दिलीप ने उनकी बात मानी और हाइड्रा लेकर पलिया की ओर बढ़ा। लेकिन यह एक जाल था। जैसे ही वह वहां पहुंचा, पहले उसे पीटा गया और फिर सिर में गोली मार दी गई।
कातिल कौन?
पुलिस को इस हत्याकांड को सुलझाने में सीसीटीवी फुटेज से अहम सुराग मिले। फुटेज के आधार पर मोबाइल फोन डंप डेटा का विश्लेषण किया गया और एक कुख्यात अपराधी रामजी नागर का नाम सामने आया। पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया तो हत्या की असली साजिश का पर्दाफाश हुआ। रामजी नागर ने बताया कि यह हत्या प्रगति यादव और उसके प्रेमी अनुराग यादव ने मिलकर करवाई थी।
प्रगति और अनुराग की प्रेम कहानी
प्रगति और अनुराग एक ही गांव के रहने वाले थे और शादी करना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार इसके खिलाफ थे। प्रगति की बहन की शादी दिलीप के भाई से हुई थी, जिससे उसके घरवालों ने उसका रिश्ता दिलीप से तय कर दिया। दिलीप इस शादी से खुश था, लेकिन प्रगति का दिल अनुराग के लिए धड़कता रहा। शादी के बाद भी दोनों चोरी-छिपे मिलते रहे और फिर उन्होंने मिलकर दिलीप को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
खूनी साजिश की पूरी कहानी
प्रगति ने शादी में मिले पैसों में से एक लाख रुपये अनुराग को दे दिए। अनुराग ने अपनी तरफ से एक लाख रुपये और जोड़कर सुपारी किलर रामजी नागर को दो लाख रुपये की सुपारी दी। तय योजना के अनुसार, 19 मार्च को दिलीप का अपहरण किया गया और फिर उसे गोली मार दी गई।
हत्या के बाद पकड़े गए अपराधी
पुलिस ने जब जांच को आगे बढ़ाया तो अनुराग और रामजी नागर को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि इस पूरी साजिश के पीछे प्रगति और अनुराग का हाथ था। रामजी नागर ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया था।
गांव में गूंज रही है सजा की मांग
इस खौफनाक हत्या के बाद गांव में लोग आक्रोशित हैं। वे प्रगति और अनुराग को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। प्रगति के भाई आलोक ने भी अपनी बहन के बचाव में आने से इनकार कर दिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रगति का प्यार एक नाटक था?
गांव के लोग बताते हैं कि प्रगति पहले से ही अनुराग से प्यार करती थी और एक बार उसके लिए अपनी नसें भी काट चुकी थी। शादी के बाद भी उसने दिलीप से प्यार का नाटक किया, लेकिन असल में उसकी योजना अनुराग के साथ जीवन बिताने की थी। इस घटना ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया और पुलिस की तेजी से कार्रवाई ने इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा कर दिया।
निष्कर्ष
यह कहानी प्यार, लालच और धोखे की त्रासदी है। एक मासूम इंसान जिसने प्यार में धोखा खाया और अपनी जान गंवाई। प्रगति की सनक और अनुराग के साथ उसके मोह ने उसे एक खूनी साजिश रचने पर मजबूर कर दिया, जिसकी कीमत दिलीप को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अब कानून की अदालत में इस नृशंस हत्या का फैसला होगा।